प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में भारत के अपनी तरह के पहले विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन वेव्स 2025 का उद्घाटन किया तो बहुत से लोगों को लगा की ये वेव्स क्या बाकी ott प्लेटफॉर्म से प्रतिस्पर्धा कर पाएगी लेकिन आज इसका जवाब है हाँ आज WAVES OTT का चेहरा बन चुकी लेखक और निर्देशक शाहिद खान की वेब सीरीज़ ‘सरपंच साहब’ ने अकेले ही कई नामी-गिरामी OTT प्लेटफॉर्म्स की कई वेब सीरीज़ को कड़ी टक्कर दी है। 30 अप्रैल 2025 को रिलीज़ हुई यह सात एपिसोड की राजनीतिक ड्रामा सीरीज़ लगातार दो महीने से ट्रेंडिंग नंबर 1 की पोजीशन पर बरकरार है। ग्रामीण भारत की सियासत, सामाजिक बदलाव, और युवा सपनों की कहानी को यह इतने प्रभावशाली ढंग से पेश करती है कि ‘पंचायत’ और ‘दुपहिया’ जैसी लोकप्रिय ग्रामीण पृष्ठभूमि वाली सीरीज़ को भी पीछे छोड़ रही है।सरपंच साहब वेब सीरीज एक ऐसी कहानी लेकर आई है, जो मनोरंजन के साथ-साथ गहरे सामाजिक संदेश भी देती है। आइए, जानते हैं कि आखिर क्यों ‘सरपंच साहब’ हर किसी की ज़ुबान पर चढ़ी हुई है। सशक्त कहानी: यह सिर्फ सियासत की कहानी नहीं, बल्कि गाँव की आत्मा, बदलाव की चाहत, और युवा सपनों की उड़ान की कहानी है।
लेखक निर्देशक शाहिद खान ने अपनी पहली ही वेब सीरीज़ में ऐसा कमाल किया है कि अनुभवी निर्देशकों को भी मात दे दी। उन्होंने न सिर्फ निर्देशन किया, बल्कि कहानी, स्क्रीनप्ले, और संवाद भी खुद लिखे। उनकी लेखनी में गाँव की मिट्टी की सौंधी खुशबू और भ्रष्टाचार पर तीखा प्रहार दोनों ही समाए हैं। हर फ्रेम में उनकी स्पष्ट दृष्टि और कहानी कहने की कला झलकती है। चुटीले संवाद, जैसे लठ्ठन की हास्य भरी बातें, और गहरे सामाजिक संदेश, जैसे संजू का बदलाव का जुनून, इस सीरीज़ को एक अलग मुकाम देते हैं।
हास्य और संवेदना का मिश्रण: चुटीले संवाद और भावनात्मक पल कहानी को बोझिल नहीं होने देते।
ग्रामीण भारत की सच्चाई: यह सीरीज़ गाँव की हकीकत को इतने विश्वसनीय ढंग से दिखाती है कि हर दर्शक इसे अपने से जोड़ लेता है।
ये किरदार मिलकर रामपुरा को सिर्फ एक गाँव नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र का एक प्रतीक बनाते हैं। कहानी का हर पहलू इतना सधा हुआ है कि यह दर्शकों को अंत तक बाँधे रखती है।
कास्टिंग डायरेक्टर साबिर अली ने इस सीरीज़ के लिए ऐसी टोली चुनी है, जो हर किरदार को जीवंत कर देती है। हर अभिनेता का प्रदर्शन ऐसा है, मानो वे गाँव के असली लोग हों:
विनीत कुमार (महेंद्र सिंह): सत्ता और छल के किरदार को उन्होंने इतनी गंभीरता और गरिमा दी है कि उनकी आँखों से सियासत बोलती है।
पंकज झा: गंभीर किरदारों से हटकर यहाँ मज़ेदार रंग में नज़र आए, जो दर्शकों को खूब भाए।
सुनीता राजवार (भूरी): गाँव की सशक्त महिला के रूप में उनका अभिनय लंबे समय तक याद रहेगा।
अनुज सिंह ढाका (संजू): मासूमियत और विद्रोह का शानदार मिश्रण, जो युवा जोश को दर्शाता है।
युक्ति कपूर: राजनीति में महिला भागीदारी की प्रेरक तस्वीर पेश की।
नीरज सूद: एक ईमानदार शिक्षक के रूप में सरल लेकिन प्रभावशाली।
विजय पांडे (लठ्ठन): हास्य के ऐसे पल दिए, जो कहानी को हल्का नहीं, बल्कि और गहरा बनाते हैं।
WAVES OTT पर यह सीरीज़ बिना किसी सब्सक्रिप्शन के उपलब्ध है, जिससे हर कोई इसे देख सकता है।
सरपंच साहब वेब सीरीज़, जो नया दौर रच रही है
ये एक वेब सीरीज़ नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत की सियासत और सपनों का एक जीवंत दस्तावेज़ है। लेखक निर्देशक की कहानी कहने की कला, और पूरी कास्ट-क्रू की मेहनत का शानदार नमूना है। दो महीने से WAVES OTT पर नंबर 1 ट्रेंडिंग की पोजीशन इसकी लोकप्रियता इस बात का सबूत है। जिसकी निर्मात्री सोनाली सूद है , अगर आपने अभी तक इसे नहीं देखा, तो गाँव की इस सियासी गद्दी की कहानी को ज़रूर देखें – यह न सिर्फ मनोरंजन देगी, बल्कि आपको सोचने पर भी मजबूर करेगी।
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‘सरपंच साहब’: WAVES OTT का चमकता सितारा, दो महीने से नंबर 1 पर कायम